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क्या विंध्य वासियों के लिए एक सपना बन के रह जाएगी रीवा मिर्जापुर रेल लाइन

मनीष मिश्रा manishvindhyasatta@gmail.com अगस्त 18, 2025 04:41 PM   City:मऊगंज

देश के आजादी के जमाने से निर्माण की बाट जोह रही मध्य प्रदेश के विंध्य क्षेत्र की अति महत्वपूर्ण रीवा मिर्जापुर रेल लाइन      देश के आजादी के 75 वर्षों के बाद भी नसीब नहीं हो पाई उक्त रेल लाइन  जबकि पिछले दो दशक से देश प्रदेश में भाजपा की सरकार है और इस ट्रेन लाइन के जिम्मेदार जनप्रतिनिधि भी उसी पार्टी से है इसलिए ऐसे जिम्मेदार जनप्रतिनिधि पर उंगली उठना लाजिमी है यहां तक की जिम्मेदार जनप्रतिनिधि पर जन चर्चा अनुसार उक्त महत्वपूर्ण रेल लाइन का दूसरा सर्वे करा कर इस सीधी ट्रेन लाइन को अनावश्यक 50 किलोमीटर का अतिरिक्त फेरा करा कर डिस्टर्ब कराने का आरोप भी लग रहा है अब हकीकत क्या है यह वोही जाने  जबकि प्रथम  सर्वे के अनुसार नेशनल हाईवे के समानांतर ट्रेन लाइन बनने से जहां आम जनता को सहूलियत होती वही आर्थिक एवं व्यापारिक दृष्टि से भी सही था वास्तविकता चाहे जो हो परंतु उससे भी बड़ी वास्तविकता यह है आज तक रीवा मिर्जापुर रेल लाइन के निर्माण से संबंधित कोई प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ सकी और न ही धरातल पर कोई कार्य दिख रहा है जबकि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी ने गुजरात के केवड़िया रेलवे स्टेशन के उद्घाटन  अवसर पर उन्होंने कहा था कि अव ,


रीवा मिर्जापुर रेल लाइन;-

हमारी सरकार में रेलवे के प्रोजेक्ट  लटकते नहीं  इसके बावजूद मंजूरी के डेढ़  दशक बाद भी रीवा मिर्जापुर रेल लाइन का निर्माण कार्य लटक रहा है जो दुर्भाग्य का विषय है  इस बात को देश के प्रधानमंत्री के सामने रखने की आखिर किसकी जिम्मेदारी है दुर्भाग्य का विषय है कि यहां के जिम्मेदार  प्रतिनिधि कुंभकरण से भी गहरी निद्रा में सोते हैं कुंभकरण तो हर 6 महीने में जगता था परंतु वे उक्त रेल लाइन निर्माण कराने के लिए 5 वर्ष में  एक बार जगते हैं जबकि मध्य प्रदेश में ही मंजूर हुई अन्य रेल लाइनों के निर्माण की प्रक्रिया वहां की जनप्रतिनिधियों की सक्रियता से काफी आगे बढ़ गई है और निर्माण कार्य शुरू होने वाली है लोगों को यह नहीं समझ में आ रहा है कि आखिर सांसद महोदय को तीन-तीन बार भारी बहुमत से चुनकर इसी आशा से लोगों ने भेजा था की रीवा मिर्जापुर रेल लाइन जैसी सौगात को पूर्ण करने में इंटरेस्ट लेंगे लेकिन लगता है उनके मन में अब भी वही बात घर कर गई है जो उन्होंने हनुमना ग्राम भुवरी में आज से 10 वर्ष पूर्व कहा था कि "क्षेत्र का विकास रेल से नहीं हेलो व सब्जियों की खेती को बढ़ावा देकर तथा पशुओं की नस्ल सुधार कर ही सम्भव है"। यद्यपि उक्त बयान के तत्काल बाद किरकिरी होते देख इसका स्पष्टीकरण देने के लिए उन्होंने स्वयं हनुमान में अलग से सभा कर सफाई देते हुए कहा था कि मेरे बयान का मतलब यह नहीं था और उन्होंने कहा था कि जब ललितपुर सिंगरौली रेल लाइन में 55 वर्ष लग गए। रीवा मिर्जापुर रेल लाइन को भी आप सभी इतना सहज ना माने। लेकिन जिस द्रुत गति से मोदी जी काम कर रहे हैं एक और डबल इंजन की सरकार की बात की जाती है दूसरी ओर प्रदेश व देश दोनों में सरकार होने के साथ ही लगातार स्वयं तीन बार से सांसद जनार्दन मिश्रा है साथ ही इस रेल लाइन के उत्तर प्रदेश के जिस भूभाग में होकर गुजरना है वहां की संसद अनुप्रिया पटेल भी केंद्र में मंत्री लगातार बनी हुई है इसके बावजूद रीवा मिर्जापुर रेल लाइन को अमली जामा ना पहना पाना दुर्भाग्य का विषय है। लोग अब यह भी कहना चालू कर दिए है क्या शौचालयों के साफ सफाई एवं यात्री प्रतीक्षालय से पूरे जिले का विकास हो जाएगा !यह सोचने का विषय है अगर रीवा मिर्जापुर रेल लाइन का निर्माण प्रथम सर्वे अनुसार फोरलेन सड़क के समानांतर बन जाए तो जहां लोगों को ट्रेन से आवागमन की सुविधा प्राप्त होगी वहीं क्षेत्र का विकास होगा आर्थिक एवं व्यापारिक दृष्टि से कई हजार लोगों को  नए-नए रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे इन सब विषय पर विचार करने की आवश्यकता है परंतु यहां के जिम्मेदार जन प्रतिनिधि को महाभारत में संजय की भूमिका निभाने वाले व्यक्ति की आवश्यकता है ताकि उन्हें सही राय दिखा सके ।