कालीधर लापता से छा गए अभिषेक बच्चन, आलोचक और दर्शक बोले - दिल जीत लिया आपने भइया

नई दिल्ली/मुंबई।
अभिषेक बच्चन की नई फ़िल्म "कालीधर लापता" 4 जुलाई को ज़ी5 ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज़ हो चुकी है और रिलीज़ के साथ ही इसने दर्शकों के दिलों को छू लिया है। फ़िल्म को लेकर सोशल मीडिया पर जबरदस्त प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। दर्शक कह रहे हैं – “ये सिर्फ़ एक फ़िल्म नहीं, एक गहरी भावना है।” वहीं आलोचक भी अभिषेक बच्चन की अभिनय क्षमता की खुलकर प्रशंसा कर रहे हैं।
कहानी जो रुलाती भी है, हंसाती भी है, और सोचने पर मजबूर करती है...
फ़िल्म का निर्देशन किया है चर्चित फिल्मकार मधुमिता सुंदररामन ने, जो पहले भी संवेदनशील विषयों पर काम कर चुकी हैं। "कालीधर लापता" की कहानी एक मिडिल एज व्यक्ति कालीधर के इर्द-गिर्द घूमती है, जिसे अल्ज़ाइमर की बीमारी हो जाती है। लेकिन दुर्भाग्यवश उसके अपने ही परिजन उसे बोझ समझकर हरीद्वार के कुंभ मेले में छोड़कर चले जाते हैं।
अभिषेक बच्चन इस चुनौतीपूर्ण भूमिका को बेहद संजीदगी से निभाते हैं। अकेले, बेसहारा, बीमार और टूटे हुए कालीधर की मुलाकात होती है एक मासूम बच्चे बल्लू से – जो खुद भी अनाथ है। इस किरदार को निभाया है बाल कलाकार दैविक बाघेला ने, जिन्होंने अपने अभिनय से सबका दिल जीत लिया है।
कालीधर और बल्लू के बीच एक आत्मीय रिश्ता बनता है, जो कहानी को भावनात्मक गहराई प्रदान करता है। एक तरफ़ कालीधर अपनी याददाश्त और अस्तित्व से लड़ रहा होता है, तो दूसरी ओर बल्लू उसमें दोस्त, पिता और मार्गदर्शक सब कुछ खोजने लगता है।
भावनाओं का सफर, समाज पर तीखा सवाल
फ़िल्म में यह भी दिखाया गया है कि जब कालीधर लापता हो जाता है, तब वही परिवार जो उसे छोड़ गया था, उसे तलाशने में लग जाता है। क्या कालीधर दोबारा अपने घरवालों के पास पहुंच सकेगा? क्या बल्लू और उसका रिश्ता इस सफर में किसी मोड़ पर टूटेगा या और गहराएगा? यही प्रश्न फ़िल्म को अंत तक बांधे रखते हैं।
अभिनय का उत्कृष्ट संगम
अभिषेक बच्चन ने अपने अब तक के करियर की शायद सबसे संवेदनशील और प्रभावशाली भूमिका निभाई है। कई दर्शकों और समीक्षकों का मानना है कि यह उनकी अब तक की श्रेष्ठ परफ़ॉर्मेंस है।
दैविक बाघेला के अभिनय में मासूमियत और गहराई दोनों नजर आती हैं। उन्होंने बल्लू के किरदार में जान फूंक दी है।
निम्रत कौर फ़िल्म में मीरा की भूमिका में स्पेशल अपीयरेंस देती हैं। उनका किरदार कालीधर की प्रेमिका का है। इससे पहले वे ‘दसवीं’ में भी अभिषेक के साथ दिख चुकी हैं।
जीशान अय्यूब फ़िल्म में सुबोध की भूमिका में हैं, जो कुंभ मेले के खोया-पाया विभाग में कार्यरत है और कालीधर की खोज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उनका अभिनय भी प्रभावशाली रहा है।
तमिल फ़िल्म के.डी. का हिंदी रूपांतरण
यह फ़िल्म वर्ष 2019 में आई मशहूर तमिल फ़िल्म के.डी. (Karuppu Durai) का आधिकारिक हिंदी रीमेक है, जिसे मधुमिता सुंदररामन ने ही निर्देशित किया था।
हालांकि मूल फ़िल्म में नायक एक 80 वर्षीय बुजुर्ग है, वहीं हिंदी संस्करण "कालीधर लापता" में नायक की उम्र 40-45 वर्ष के आसपास दिखाई गई है।
जो दर्शक तमिल फ़िल्म के.डी. देख चुके हैं, उनका मानना है कि कालीधर लापता भी एक उत्कृष्ट फिल्म है, हालांकि के.डी. की गहराई और भावना तक पूरी तरह नहीं पहुंच पाई।
फिल्म क्यों देखी जाए?
यदि आप भावनाओं से भरपूर, आत्मा को झकझोर देने वाली फ़िल्में पसंद करते हैं, तो कालीधर लापता एक परफेक्ट चॉइस है।
यह फिल्म सिर्फ मनोरंजन नहीं देती, बल्कि परिवार, अपनापन, सामाजिक संवेदनाएं और इंसानियत जैसे मुद्दों पर गंभीर सवाल उठाती है।
अभिषेक बच्चन और दैविक बाघेला के बीच की केमिस्ट्री इस फिल्म को अविस्मरणीय बना देती है।
तो ज़रूर देखिए ‘कालीधर लापता’ – ज़ी5 पर स्ट्रीमिंग शुरू हो चुकी है।
