300 की जगह 489 बेड लगाने पड़ रहे अब जिला अस्पताल में ,विडंबना मेडिकल कालेज खुलने के बाद भी जिला अस्पताल पर मरीजों का दबाव ;

हालत दिन पर दिन खराब हो रहे हैं। मेडिकल कालेज शुरू होने के बावजूद यहां पर जिला अस्पताल में लगातार मरीजों का दबाब बढ रहा है। पिछले दो दिनों में यहां की ओपीडी में मरीजों की संख्या 1200 के ऊपर दर्ज की गई है। यानी बीते 20 दिनों में तकरीबन 19 हजार - मरीज यहां पर इलाज कराने आ चुके हैं। हालत यह है कि जिला अस्पताल 300 बेड वाला है लेकिन यहां पर 489 बेड लगाकर मरीजों को सेवाएं देनी पड़ रही हैं
जिला अस्पताल शहडोल ;-
स्टाफ 300 बेड के हिसाब से ही यहां पर तैनात है। मानव संसाधन की कमी के कारण कई बार यहां पर जब मरीजों को समय पर इलाज नहीं मिल पाता है. तो नोक झोंक और उपद्रव जैसी स्थितियां भी बन चुकी हैं। जो बिल्डिंग बन रहीं उसमें तेजी नहीं: उल्लेखनीय है कि जिला अस्पताल के प्रसूति गृह के ठीक पीछे नई इमारत बनाई जा रही है। इसका काम बहुत धीमी गति से चल रहा है। इमारत बन जाने के बाद यह अस्पताल 500 बेड वाला हो जाएगा लेकिन इसके साथ अगर डाक्टर व स्टाफ की व्यवस्था पर्याप्त न की गई तो फिर यहां मरीजों के साथ दिक्कतें होंगी। यहां पर डाक्टरों भौतिक और मानव संसाधनों की बहुत कमी है। इनडोर पेसेंट के लिए समुचित व्यवस्था नहीं है। डाक्टर पर्याप्त न होने से केस तुरंत की संख्या काफी कम है। कई व्यवस्थाएं एक डाक्टर के भरोसे चल रही हैं। रिफर करने के बाद भी यह है हालः जिला अस्पताल से मरीजों को रेफर भी किया जाता है लेकिन इसके बाद भी मरीजों का दबाब यहां ज्यादा रहता है। कुछ ऐसे हैं हालात करते हैं रेफर मजबूरी में प्राइवेट अस्पतालों में जाकर लुट रहे मरीज स्वास्थ्य सेवा के नाम पर अपडेट नहीं हुआ अस्पताल इस समय सबसे ज्यादा मडिकल विभाग और प्रसूति विभाग की हालत खराब है। यहां पर अगर जाएं तो पैर रखने को जगह नहीं मिलेगी। हर तरफ मरीजों की भरमार। रात के समय तो जमीन पर मरीजों के स्वजनों का बिस्तर लग जाने के बाद यहां से निकलना मुश्किल होता है। हालात ऐसे हैं कि यहां मरीजों को जमीन पर लिटाकर इलाज हो रहा है
इनका कहना है;
मानव संसाधनों की कमी है। इस समय अस्पताल में 489 बेड लगाकर इलाज दिया जा रहा है जबकि स्वीकृत बेड 300 हैं। जिला अस्पताल का स्टाफ मरीजों के साथ पूरी तरह से कापरेट कर रहा है। अब इस समय मरीजों की संख्या वैसे भी ज्यादा आ रही है इसलिए दबाव ज्यादा है।
