गोविंदगढ़ और कर्नाटक के बीच वन्यप्राणी आदान-प्रदान की कार्ययोजना की समीक्षा।

उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल -;
मध्यप्रदेश के उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने मंत्रालय, भोपाल में रीवा जिले के गोविंदगढ़ स्थित बाघ प्रजनन केन्द्र और कर्नाटक के मंगलुरु स्थित पीलीकुला बायोलॉजिकल पार्क के मध्य प्रस्तावित वन्यप्राणी आदान-प्रदान की कार्ययोजना की समीक्षा की। इस बैठक में वन विभाग के अपर मुख्य सचिव अशोक बर्णवाल और प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) शुभरंजन सेन भी उपस्थित रहे।
बैठक में उप मुख्यमंत्री ने कहा कि बाघ संरक्षण और संवर्धन की दिशा में गोविंदगढ़ बाघ प्रजनन केन्द्र में किए जा रहे प्रयास सराहनीय हैं। मध्यप्रदेश ‘टाइगर स्टेट’ के रूप में अपनी पहचान को निरंतर सशक्त बना रहा है। वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में अंतर्राज्यीय सहयोग अत्यंत आवश्यक है, जिससे जैव विविधता को संरक्षित रखने में मदद मिलती है।
उप मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण, नई दिल्ली से विचाराधीन वन्यप्राणी आदान-प्रदान प्रस्ताव को शीघ्र अंतिम रूप देने के लिए आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि गोविंदगढ़ बाघ प्रजनन केन्द्र को वन्यजीव पर्यटन, जैव विविधता संरक्षण और अनुसंधान के एक आदर्श मॉडल के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके लिए अधोसंरचना विकास, विशेषज्ञ संसाधनों की तैनाती और तकनीकी मार्गदर्शन पर त्वरित कार्य शुरू किया जाए।
गोविंदगढ़ की ऐतिहासिक और जैविक विरासत;
गोविंदगढ़ न केवल अपनी प्राकृतिक सुंदरता और वन्य परिवेश के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यह ऐतिहासिक रूप से भी वन्यजीव संरक्षण का प्रमुख केंद्र रहा है। विश्व प्रसिद्ध सफेद शेर ‘मोहन’ को भी गोविंदगढ़ किले में ही रखा गया था, क्योंकि यहां का पर्यावरण उसके लिए अत्यंत अनुकूल था। इतिहास साक्षी है कि सफेद शेर की पहली खोज गोविंदगढ़ और सीधी के जंगलों में ही हुई थी, जिसने भारत को दुनिया में गौरव दिलाया।
गोविंदगढ़ की यही विशिष्टता आज भी इस क्षेत्र को वन्यप्राणी संरक्षण के लिए सबसे उपयुक्त बनाती है। यहां की जलवायु, घना जंगल, प्राकृतिक जल स्रोत और जैव विविधता बाघों समेत अन्य वन्यजीवों के लिए सुरक्षित व संतुलित आवास प्रदान करते हैं।
राष्ट्रीय महत्व की दिशा में नया कदम;
कर्नाटक के पीलीकुला जैविक उद्यान के साथ प्रस्तावित वन्यजीव आदान-प्रदान न केवल दोनों राज्यों के बीच सहयोग को बढ़ावा देगा, बल्कि गोविंदगढ़ को एक बार फिर राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने में सहायक सिद्ध होगा। सरकार का उद्देश्य है कि गोविंदगढ़ बाघ प्रजनन केन्द्र को संरक्षण, अनुसंधान, पर्यावरणीय शिक्षा और इको-टूरिज्म के क्षेत्र में एक राष्ट्रीय मॉडल के रूप में स्थापित किया जाए।
वरिष्ठ पत्रकार डॉ रमेश बुधौलिया;-
वरिष्ठ पत्रकार डॉ रमेश बुधौलिया ने कहा कि ,
गोविंदगढ़ के लिए यह पहल न केवल रीवा संभाग के लिए गौरव का विषय है, बल्कि यह मध्यप्रदेश को वन्यजीव संरक्षण की दिशा में अग्रणी राज्य बनाने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम भी है।
