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मप्र में भी वनतारा जैसा सेंटर स्थापित करने में मदद करेगी अनंत अंबानी की संस्था, सरकार से समझौता;

नरेंद्र बुधौलिया narendravindhyasatta@gmail.com अगस्त 30, 2025 12:27 PM   City:भोपाल

मध्य प्रदेश में वन्यजीव संरक्षण को लेकर एक बड़ी शुरुआत होने जा रही है। गुजरात के जामनगर में बने अनंत अंबानी के ड्रीम प्रोजेक्ट वनतारा जूलॉजिकल पार्क की तर्ज पर अब मध्य प्रदेश में भी वाइल्डलाइफ रेस्क्यू और रिहैबिलिटेशन सेंटर बनाए जाएंगे।

इसको लेकर गुरुवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मौजूदगी में, अनंत अंबानी की संस्था ग्रीन जूलॉजिकल रेस्क्यू एंड रिहैबिलिटेशन सेंटर सोसाइटी और मध्य प्रदेश टाइगर फाउंडेशन के बीच समझौता हुआ।

डॉ. मोहन यादव की मौजूदगी में, अनंत अंबानी की संस्था ग्रीन जूलॉजिकल रेस्क्यू एंड रिहैबिलिटेशन सेंटर सोसाइटी और मध्य प्रदेश टाइगर फाउंडेशन के बीच समझौता हुआ।;-

इस समझौते के तहत,

प्रदेश के चिड़ियाघरों, रेस्क्यू सेंटर्स और सफारी में जानवरों के संरक्षण और इलाज पर काम होगा।

उज्जैन में एक आधुनिक जूलॉजिकल पार्क बनाया जाएगा, जो धार्मिक पर्यटन के साथ-साथ वन्यजीव संरक्षण का भी बड़ा केंद्र बनेगा।

जबलपुर में एक खास रेस्क्यू सेंटर खुलेगा, ताकि घायल या भटके हुए जानवरों को समय पर मदद मिल सके।

वनकर्मियों, डॉक्टरों और महावतों को आधुनिक ट्रेनिंग दी जाएगी।

और सबसे खास, पूरे देश के चिड़ियाघरों के लिए एक डिजिटल सिस्टम बनेगा, जिससे हर जानवर की जानकारी और देखभाल का रिकॉर्ड रखा जा सकेगा।

रिसर्च पर भी जोर रहेगा –

वनतारा की आधुनिक लैब से बाघों की जेनेटिक स्टडी होगी, ताकि इनब्रीडिंग यानी आपस में ही ब्रीडिंग की समस्या न बढ़े और बाघों की पहचान आसानी से की जा सके। साथ ही, बीमारियों की रोकथाम और इलाज पर भी काम होगा।

आपको बता दें, मध्य प्रदेश को टाइगर स्टेट कहा जाता है – यहां बाघों की संख्या 2019 में 526 से बढ़कर अब 785 हो चुकी है। लेकिन इसके साथ ही इंसान और बाघ के बीच टकराव भी बढ़ा है। यह नया प्रोजेक्ट इन संघर्षों को कम करने और वन्यजीवों को सुरक्षित माहौल देने में मदद करेगा।

वनतारा, अनंत अंबानी का ड्रीम प्रोजेक्ट है, जो गुजरात के जामनगर में 3,500 एकड़ में फैला हुआ है। यह दुनिया का सबसे बड़ा वन्यजीव रेस्क्यू और रिहैबिलिटेशन सेंटर है, जहां घायल और दुर्व्यवहार झेल चुके हाथी, शेर, तेंदुए, मगरमच्छ, और हजारों अन्य जानवरों का संरक्षण और उपचार किया जाता है। मध्य प्रदेश सरकार ने वनतारा के मॉडल से प्रेरणा लेते हुए उज्जैन और जबलपुर में सेंटर्स स्थापित करने का फैसला लिया है। इन सेंटर्स को सेंट्रल जू अथॉरिटी से सैद्धांतिक मंजूरी मिल चुकी है, और सुप्रीम कोर्ट की अनुमति के बाद जमीन पर काम शुरू होगा।

मध्य प्रदेश, जिसे "टाइगर स्टेट" के रूप में जाना जाता है, में टाइगर्स की संख्या 2019 में 526 से बढ़कर 2024 में 785 हो गई है। हालांकि, इससे मानव-टाइगर संघर्ष में 40% की वृद्धि हुई है। यह प्रोजेक्ट न केवल वन्यजीवों के संरक्षण को मजबूत करेगा, बल्कि मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

हाल ही में वनतारा को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने जानवरों के अधिग्रहण और उपचार को लेकर जांच के आदेश दिए हैं। हालांकि, मध्य प्रदेश सरकार का दावा है कि यह प्रोजेक्ट इससे प्रभावित नहीं होगा। सवाल यह है कि यह परियोजना कितनी जल्दी हकीकत बनेगी और यह मध्य प्रदेश के वन्यजीवों को कितना लाभ पहुंचाएगी। सरकार का मानना है कि यह प्रोजेक्ट मध्य प्रदेश की "टाइगर स्टेट" की पहचान को और मजबूत करेगा।

यह साझेदारी मध्य प्रदेश में वन्यजीव संरक्षण के लिए एक मील का पत्थर साबित हो सकती है। उज्जैन और जबलपुर में बनने वाले सेंटर्स न केवल वन्यजीवों की सुरक्षा और पुनर्वास को बढ़ावा देंगे, बल्कि पर्यटन और वैज्ञानिक अनुसंधान को भी नई दिशा देंगे।