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रीवा में खाद आपूर्ति संकट: प्रशासनिक दावे धराशायी, किसानों की कतारें खोल रही सिस्टम की पोल।

नरेंद्र बुधौलिया narendravindhyasatta@gmail.com सितम्बर 11, 2025 12:36 PM   City:रीवा

रीवा जिले में खाद आपूर्ति का संकट गंभीर रूप ले चुका है। जिले के विभिन्न वितरण केंद्रों पर किसान घंटों, कभी-कभी तो पूरे दिन लाइन में लगे रहते हैं, परंतु अधिकांश बार निराशा हाथ लगती है। यह स्थिति उस देश के लिए चिंताजनक है, जो खुद को कृषि प्रधान राष्ट्र मानता है और किसानों को (अन्नदाता) का दर्जा देता है।

प्रशासनिक दावे और जमीन पर हकीकत,


प्रशासनिक सूत्रों का दावा है कि जिले में खाद पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है, लेकिन जमीन पर तस्वीर बिल्कुल अलग है। किसान पूछते हैं। अगर खाद उपलब्ध है, तो यह कहां जा रही है? क्यों रोज़ाना किसान खाली हाथ लौटते हैं?

किसान बताते हैं कि रात से लाइन में खड़े रहने के बावजूद, दोपहर या शाम तक उनकी बारी आते-आते खाद खत्म हो जाती है। बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे भी इस कतार में शामिल हैं। किसान वितरण प्रणाली में गड़बड़ियों का आरोप लगा रहे हैं, विशेषकर डबल लॉक सेंटर और समितियों में पारदर्शिता की कमी की शिकायत है।

खेती और उत्पादन पर असर,

खाद की कमी का प्रत्यक्ष असर फसलों पर पड़ रहा है। समय पर खाद न मिलने से फसलें कमजोर हो रही हैं और उत्पादन प्रभावित होने की संभावना बढ़ रही है। यदि यही हाल रहा, तो आने वाले समय में अन्न संकट जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है।

प्रशासनिक प्रतिक्रिया,

प्रभारी कलेक्टर की फोटो;


कलेक्टर डॉ. सौरभ सोनवड़े, प्रभारी कलेक्टर रीवा, ने कहा, खाद वितरण को सुचारू करने के लिए लगातार कार्य किया जा रहा है। निर्धारित कार्यक्रम के तहत किसानों को उनके हक का पोषण समय पर उपलब्ध कराया जाएगा।

आगामी खाद वितरण कार्यक्रम,

11 सितंबर को करहिया मंडी में वितरण स्थगित।

करहिया मंडी से 13 सितंबर को वितरण।

डबल लॉक सेंटर उमरी, चाकघाट, गुढ़ एवं जवा में 11 सितंबर को वितरण।

समिति क्षेत्र कुठिला, त्योंथर, लूक, खीरा, मझियार, बरौ, बम्हनगवां, मड़वा में 11 सितंबर को वितरण।

विशेष टिप्पणी,

रीवा में खाद आपूर्ति संकट ने प्रशासनिक दावों की खोखलापन उजागर कर दिया है। जब किसान लाइन में खड़े रहकर भी समय पर खाद नहीं पा रहे हैं, तो यह सिस्टम की लापरवाही और कमज़ोर निगरानी का नतीजा है। पारदर्शिता सुनिश्चित करना और वास्तविक जरूरत के अनुसार खाद का वितरण करना प्रशासन की प्राथमिक जिम्मेदारी होनी चाहिए। अन्नदाता की उम्मीद और भरोसा बनाए रखना ही हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है।