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करहिया मंडी बनी किसानों का रणक्षेत्र, खाद वितरण को लेकर बवाल, लाठीचार्ज तक की नौबत।

मनीष मिश्रा manishvindhyasatta@gmail.com सितम्बर 03, 2025 11:47 AM   City:रीवा

रीवा जिले में खाद की किल्लत अब किसानों के लिए सबसे बड़ा संकट बन चुकी है। स्थिति यह है कि करहिया गल्ला मंडी समिति परिसर बीते दो दिनों से रणभूमि का रूप ले चुका है। हजारों किसान अपनी फसलों को बचाने के लिए खाद की मांग को लेकर मंडी में डटे हैं। महिलाएं और पुरुष किसान 24 से 48 घंटे तक लगातार कतारों में खड़े हैं, लेकिन उन्हें अब तक खाद नहीं मिल पाई।

मंगलवार को समिति ने पुलिस सुरक्षा व्यवस्था के बीच टोकन वितरण शुरू किया। किसान इसे (मंदिर में प्रसाद की तरह) बांटा जा रहा टोकन बता रहे हैं। उनका आरोप है कि यह महज़ किसानों को शांत करने की कवायद है, असलियत में खाद वितरण अभी भी अधर में लटका हुआ है। किसानों का कहना है कि केवल कागज़ पर पर्याप्त खाद होने का दावा किया जा रहा है, ज़मीनी हकीकत कुछ और है।


किसानों में बढ़ा आक्रोश,

लंबी कतारों में खड़े किसानों ने आरोप लगाया कि न पीने योग्य पानी की व्यवस्था है, न छाया और न ही बैठने की जगह। कई किसान भूखे-प्यासे घंटों से लाइन में लगे हैं। उनका कहना है कि खाद समय पर न मिलने से फसल सूख रही है, पैदावार प्रभावित होगी और अगर फल नहीं आएंगे तो मेहनत और लागत दोनों डूब जाएंगे।

लाठीचार्ज से बिगड़े हालात,


मंगलवार देर रात किसानों का गुस्सा फूट पड़ा। करहिया मंडी में जब किसानों ने खाद वितरण की मांग को लेकर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की, तो पुलिस ने लाठीचार्ज कर भीड़ को तितर-बितर कर दिया। कई किसानों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा गया, जिससे कई घायल हो गए। पुलिस का कहना है कि हालात बिगड़ने पर {हल्का बल प्रयोग} किया गया।

गुढ़, त्योंथर, जवा और सेमरिया में भी हालात खराब,

रीवा जिले के अन्य क्षेत्रों से भी ऐसी ही तस्वीरें सामने आई हैं। गुढ़ में करीब एक किलोमीटर लंबी लाइन लगी रही, वहीं त्योंथर, जवा और सेमरिया में भी किसान घंटों खड़े रहे लेकिन खाद नहीं मिल सका। किसानों का आरोप है कि कई जगहों पर खुलेआम कालाबाजारी हो रही है। खाद या तो महंगे दामों पर बेची जा रही है या फिर खास किसानों को ही उपलब्ध कराई जा रही है।

किसान नेताओं ने उठाई आवाज,

भारतीय किसान यूनियन मध्यप्रदेश के अध्यक्ष सुब्रत मणि त्रिपाठी ने कहा कि किसानों को 10-12 घंटे लाइन में खड़े रहने के बाद भी निराशा ही हाथ लग रही है। अधिवक्ता एवं किसान नेता शिव सिंह ने बताया कि 48 घंटे से लाइन लगाने के बावजूद किसानों को खाद नहीं मिल रही, जिससे बुआई गंभीर रूप से प्रभावित हो रही है।

प्रशासन के दावे और हकीकत,

तहसीलदार शिवशंकर शुक्ला का कहना है कि इस बार बारिश अच्छी होने के कारण खेती अधिक हुई है और इसी वजह से किसानों की भीड़ ज्यादा है। खाद पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है, लेकिन सर्वर की तकनीकी गड़बड़ी के चलते वितरण नहीं हो सका। मंगलवार को टोकन बांटे गए हैं और बुधवार को टोकन के आधार पर खाद वितरण किया जाएगा।

कलेक्टर ने कहा ,

वहीं कलेक्टर प्रतिभा पाल ने भी कहा कि जिले में पर्याप्त खाद का स्टॉक मौजूद है और वितरण पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। अपर कलेक्टर सपना त्रिपाठी और एसडीएम वैशाली जैन ने दावा किया कि मंडियों में किसानों को छाया, पानी और ओआरएस पैकेट उपलब्ध कराए जा रहे हैं।

किसानों की चिंता बरकरार,

प्रशासन चाहे खाद उपलब्ध होने का दावा करे, लेकिन किसानों की आंखों में चिंता साफ देखी जा सकती है। उनका कहना है कि यदि खाद जल्द नहीं मिली तो उनकी मेहनत बर्बाद हो जाएगी। 48 घंटे से ज्यादा समय से कतारों में लगे किसान अब आंदोलन और विरोध की राह पकड़ते नजर आ रहे हैं।