रीवा में बीमारियों का कहर: संजय गांधी अस्पताल की ओपीडी में 4 हजार तक पहुंचे मरीज, जमीन पर लेटकर हो रहा इलाज।

बरसात और उमस भरी गर्मी ने विंध्य अंचल में मौसमी बीमारियों का प्रकोप बढ़ा दिया है। रीवा जिले में हालात इतने बिगड़ गए हैं कि संजय गांधी अस्पताल की ओपीडी में मरीजों की संख्या सामान्य दिनों के मुकाबले लगभग दोगुनी हो गई है। जहां रोजाना अधिकतम दो हजार मरीज पहुंचते थे, वहीं अब यह आंकड़ा साढ़े तीन से चार हजार तक पहुंच चुका है।
अस्पताल प्रबंधन और डॉक्टर लगातार इलाज में जुटे हैं, लेकिन बढ़ती भीड़ के आगे व्यवस्थाएं चरमरा गई हैं। हालात यह हैं कि वार्डों के सभी बिस्तर भर चुके हैं और कई मरीजों को जमीन पर लेटकर उपचार कराना पड़ रहा है।
संजय गांधी अस्पताल में मरीजों की संख्या दोगुनी ;-
अस्पताल के चिकित्सकों का कहना है कि इस समय सबसे अधिक मरीज वायरल फीवर और उल्टी-दस्त से पीड़ित होकर पहुंच रहे हैं। इसके अलावा मलेरिया, डेंगू और टाइफॉयड जैसी मच्छरजनित बीमारियों के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं। गुरुवार को प्राप्त आंकड़ों के अनुसार केवल मेडिसिन वार्ड में ही 771 मरीज पहुंचे, जिनमें से 60 को भर्ती करना पड़ा। हर दिन दर्जनों मरीज गंभीर हालत में दाखिल किए जा रहे हैं।
संजय गांधी अस्पताल के अधीक्षक डॉ. राहुल मिश्रा ने बताया कि उमस और बदलते मौसम के कारण मौसमी बीमारियां तेजी से फैल रही हैं। दूषित पानी से उल्टी-दस्त के मरीज अधिक आ रहे हैं, वहीं मच्छरों के कारण डेंगू और मलेरिया के मामले भी लगातार बढ़ रहे हैं। उन्होंने लोगों से अपील की है कि बीमारियों से बचाव के लिए उबला अथवा शुद्ध पानी पिएं, घर-आसपास स्वच्छता बनाए रखें और मच्छरों को पनपने से रोकने के उपाय करें।
अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए सभी डॉक्टर और स्टाफ पूरी सतर्कता के साथ काम कर रहे हैं। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने भी स्पष्ट किया है कि हर मरीज को बेहतर उपचार उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है, हालांकि मौजूदा हालात से अस्पताल की क्षमता पर दबाव साफ झलक रहा है।
