रीवा केंद्रीय जेल में गूंजी कृष्ण भक्ति, जन्माष्टमी पर कैदियों ने रची भव्य सांस्कृतिक संध्या।

पूरे देश में जन्माष्टमी का पर्व श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया गया। इसी क्रम में रीवा की केंद्रीय जेल में भी शनिवार को भगवान श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का अनूठा और भव्य आयोजन किया गया। कठोर सुरक्षा व्यवस्थाओं के बीच जेल परिसर में भक्ति और संस्कृति का ऐसा संगम देखने को मिला, जिसने सभी को भावविभोर कर दिया।
श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर्व ;
कार्यक्रम की शुरुआत मंगलाचरण और श्रीकृष्ण आरती के साथ हुई। इसके बाद बंदियों ने भक्ति गीत, नृत्य, भजन संकीर्तन और झांकियों के माध्यम से श्रीकृष्ण की लीलाओं का जीवंत चित्रण प्रस्तुत किया। सांस्कृतिक प्रस्तुतियों में कैदियों का उत्साह और समर्पण देखने लायक था।
इस दौरान जेल अधीक्षक एस के उपाध्याय ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा: जन्माष्टमी जैसे धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन कैदियों को सकारात्मक सोच की ओर ले जाते हैं। यह कार्यक्रम उन्हें आत्मचिंतन करने और अपनी ऊर्जा को रचनात्मक दिशा देने की प्रेरणा देता है। ऐसे अवसर न केवल बंदियों में उत्साह और आशा जगाते हैं, बल्कि उन्हें समाज की मुख्यधारा से पुनः जुड़ने का अवसर भी प्रदान करते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि जेल प्रशासन समय-समय पर इस तरह के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक कार्यक्रम आयोजित करता है ताकि कैदियों के मनोबल को बढ़ाया जा सके और उनके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाया जा सके।
कार्यक्रम में मौजूद अधिकारियों और कर्मचारियों ने भी बंदियों के उत्साह की सराहना की। कई कैदियों ने कहा कि जन्माष्टमी का यह आयोजन उन्हें घर और परिवार की याद दिलाने वाला पल लगा।
जेल की ऊँची दीवारों के बीच भी इस दिन भक्ति, उमंग और आनंद का अद्भुत वातावरण बना रहा। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का यह उत्सव रीवा केंद्रीय जेल के इतिहास में एक स्मरणीय सांस्कृतिक संध्या बन गया।
