सांसद मिश्रा का बड़ा बयान: बोले- श्रीनिवास तिवारी के जमाने में एक कमरे में होते थे 1000 वोट; पोते विधायक सिद्धार्थ ने दी तीखी प्रतिक्रिया;

मतदाता सूची में गड़बड़ी और फर्जी वोटिंग के आरोपों को लेकर रीवा की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। रीवा से भाजपा सांसद जनार्दन मिश्रा ने वरिष्ठ कांग्रेस नेता और मध्यप्रदेश विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष स्व. श्रीनिवास तिवारी पर फर्जी वोटिंग का गंभीर आरोप लगाया है। सांसद का यह बयान सामने आते ही कांग्रेस ने पलटवार किया और भाजपा की अंदरूनी खींचतान भी उजागर हो गई।
सांसद जनार्दन मिश्रा की फोटो-;
सांसद मिश्रा ने रविवार को एक सभा में कहा- श्रीनिवास तिवारी के जमाने में एक कमरे में 1000 वोट होते थे। उन्होंने यह दावा दो बार दोहराते हुए आरोप लगाया कि स्व. तिवारी फर्जी वोटिंग के सहारे चुनाव जीतते थे।
सोमवार को वीडियो वायरल होते ही रीवा की राजनीति में खलबली मच गई। इससे पहले भी सांसद मिश्रा, स्व. तिवारी पर सवाल खड़े कर चुके हैं। 2024 में सुभाष चौराहे पर ओवरब्रिज लोकार्पण के समय उन्होंने तिवारी के कार्यकाल पर तंज कसते हुए कहा था कि उनके समय सड़क गड्ढों में रहती थी, फिर भी लोग उन्हें दैयू (भगवान) कहा करते थे। उस वक्त भी भाजपा विधायक सिद्धार्थ तिवारी ने इसे अनुचित करार दिया था।
सिद्धार्थ राज तिवारी की फोटो;-
त्यौंथर विधायक और श्रीनिवास तिवारी के पोते सिद्धार्थ तिवारी ने सांसद के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा-
अगर सांसद जी को मुझसे कोई व्यक्तिगत समस्या है तो सीधे बताएं, लेकिन मेरे स्वर्गीय दादा को बार-बार घसीटना अशोभनीय है।
इससे पहले भी उन्होंने मंच से इसी तरह की टिप्पणी कर सांसद को चेताया था।
कांग्रेस का पलटवार, PCC चीफ ने साधा निशाना
जीतू पटवारी के स्क्रीन शॉट की फोटो-;
मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सांसद के बयान को भाजपा की गुटबाजी और दोहरे चरित्र का प्रमाण बताया। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा-
रीवा के भाजपा सांसद खुद मान रहे हैं कि वोटर लिस्ट में धांधली होती थी। कह रहे हैं एक कमरे में 1000 वोट, 1100 वोट निकले। जांच भी खुद उन्होंने ही की थी। अब भाजपा बताए कि सच्चाई क्या है
श्रीनिवास तिवारी की फोटो;-
गौरतलब है कि श्रीनिवास तिवारी 1993 से 2003 तक मध्यप्रदेश विधानसभा अध्यक्ष रहे। वे कांग्रेस के कद्दावर नेताओं में गिने जाते थे। 19 जनवरी 2018 को 91 वर्ष की आयु में उनका निधन हुआ। उनके पोते सिद्धार्थ तिवारी 2023 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे।
