बिना एसडीएल नंबर के आटो नहीं दौड़ पाएंगे,एक हजार की हुई नंबरिंग यातायात पुलिस ने दो दिन में आधा सैकड़ा से अधिक बिना नंबर वाले आटो पकड़े ;

यदि किसी यात्री का सामान आटी में छूट जाता है, तो वह आटो के अंदर और बाहर लिखे एसडीएल नंबर के माध्यम से आटो की पहचान आसानी से कर सकते हैं। जिले और शहर में चलने वाले आटो में यातायात पुलिस एसडीएल नंबर अंकित करवा रही है, लेकिन कई नए आटो चालकों ने अभी तक एसडीएल नंबर नहीं लिखवाया है। पुलिस अधीक्षक रामजी श्रीवास्वत के निर्देश पर यातायात पुलिस ने इस कार्य कों प्राथमिकता दी है। पिछले दो दिनों में आधा सैकड़ा से अधिक चालकों को थाने बुलाकर उनके आटी में एसडीएल नंबर लिखवाया गया है, और यह प्रक्रिया निरंतर जारी रहेगी। यातायात थाना प्रभारी शिवेंद्र राम भगत ने बताया कि यह नियम शहडोल में काफी समय से लागू है, लेकिन हर दिन नए आटो सड़क पर आ रहे हैं। कुछ आटो चालकों ने अपने वाहनों में एसडीएल नंबर अंकित नहीं कराया था। पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर 50 से अधिक आटो को पकड़कर यातायात थाने में लाकर एसडीएल नंबर लिखवाया गया है। वर्तमान में यातायात थाने में एक हजार से अधिक आटो रजिस्टर्ड हैं, जिनमें एसडीएल नंबर अंकित किया गया है। जिन आटो पर एसडीएल नंबर लिखा है, उनके सभी रिकार्ड यातायात थाने में सुरक्षित हैं। यदि किसी यात्री का सामान आटो में छूट जाता है और वह आटो में लिखा एसडीएल नंबर बताता है, तो उसकी जानकारी निकालकर उस आटो चालक तक आसानी से पहुंचा जा सकता है। यातायात थाना प्रभारी के अनुसार, जिन आटो पर एसडीएल नंबर अंकित नहीं है, वे अब सड़क पर नहीं दौड़ पाएंगे। एसडीएल नंबर की जानकारीः आटो में एसडीएल नंबर अलग होता है। यातायात थाना प्रभारी के अनुसार, हर आटो में एसडीएल नंबर अंकित होता है। यदि कोई व्यक्ति एसडीएल नंबर यातायात पुलिस को बताता है, तो उसकी पूरी जानकारी थाने में उपलब्ध रहती है। आटो के अंदर और बाहरी हिस्से में एसडीएल नंबर अंकित करने का उद्देश्य यह है कि आमतौर पर लोग आटो में बैठते समय उसका रजिस्ट्रेशन नंबर नहीं देख पाते। इस प्रकार, यात्रियों को आटो चालक तक पहुंचने में आसानी होती है। एसडीएल नंबर के अनुसार आटो चालक का नाम, मोबाइल नंबर सहित अन्य जानकारी यातायात थाने में दर्ज की जाती है, जिससे आटो तक पहुंचना सरल हो जाता है।
