रीवा में खाद संकट गहराया: किसानों पर लाठीचार्ज, अगले दिन टॉफी-बिस्किट बांटकर पुलिस ने दी सफाई।

रीवा जिले में लगातार गहराते खाद संकट ने किसानों को सड़कों पर ला खड़ा किया है। चार-चार दिन से लाइन में लगे किसानों को जब खाद नहीं मिली और वितरण केंद्र अचानक बंद कर दिया गया, तो नाराजगी बढ़ गई। मंगलवार रात किसानों और पुलिस के बीच टकराव की स्थिति बनी और लाठीचार्ज हुआ। इस घटना के बाद जिलेभर में गुस्सा है।
लाठीचार्ज में कई किसान घायल हुए। महिलाओं और बुजुर्गों को भी चोटें आईं। लेकिन अगले ही दिन बुधवार को पुलिस ने सोशल मीडिया पर किसानों को बिस्किट और टॉफियां बांटते हुए वीडियो साझा किया। पुलिस का दावा था कि कार्रवाई असामाजिक तत्वों पर की गई थी। किसानों ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि वहां कोई उपद्रवी नहीं था, सब खाद की कमी से परेशान किसान ही थे।
इधर, खाद आपूर्ति को लेकर नई जानकारी सामने आई है। जिला विपणन संघ की प्रबंधक श्रीमती शिखा वर्मा ने बताया कि दो रैक यूरिया 4 सितंबर की देर रात तक रीवा पहुंचेंगी। इनमें 1800 टन और 2700 टन यूरिया खाद शामिल है। हालांकि, 5 से 7 सितंबर तक लगातार अवकाश रहने के कारण खाद का वितरण अब 8 सितंबर (सोमवार) से किया जाएगा।
लाठियां खाईं किसान, हालात बिगड़े,
मंगलवार को दिनभर इंतजार करने के बाद जब किसानों को खाद नहीं मिली और केंद्र बंद कर दिया गया, तो नाराज किसानों ने गेट पर विरोध जताना शुरू कर दिया। नारेबाजी हुई और माहौल तनावपूर्ण हो गया।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, इसी दौरान कोतवाली थाना प्रभारी श्रृंगेश राजपूत ने किसानों को समझाने की बजाय अचानक लाठीचार्ज करवा दिया। पुलिस ने किसानों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। कई किसान जमीन पर गिर पड़े और घायल हो गए।
70 वर्षीय एक किसान रोते हुए बोले – मैं रविवार से लाइन में हूं। शरीर अब जवाब दे चुका है। चार दिन बाद टोकन मिला, लेकिन अब ताकत नहीं कि खाद उठाकर ले जा सकूं।
पुलिस का दावा- साजिश थी,
रीवा पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह;-
रीवा पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह ने कहा कि कार्रवाई किसानों पर नहीं, बल्कि असामाजिक तत्वों पर की गई थी। उन्होंने दावा किया कि कुछ उपद्रवियों ने अधिकारियों से माइक छीना, साउंड सिस्टम गिराया और हमला करने की नीयत से ईंटें जमा की थीं।
एसपी ने कहा – पुलिस ने निष्पक्ष और उद्देश्यपूर्ण कार्रवाई की। न बर्बरता हुई और न ही किसी को गंभीर चोट आई। शांति बनाए रखने की कोशिश की गई और किसानों ने भी सहयोग किया
हालांकि, किसानों ने इस बयान को नकार दिया। उनका कहना था कि वहां कोई उपद्रवी नहीं था। सब किसान ही थे, जिनके पास टोकन भी नहीं पहुंचे थे और जो भूखे-प्यासे लाइन में खड़े थे।
टॉफी-बिस्किट से छवि सुधारने की कोशिश,
लाठीचार्ज के अगले ही दिन बुधवार को रीवा पुलिस ने किसानों को बिस्किट और टॉफियां बांटते हुए फोटो-वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किए। इसे पुलिस ने (सौहार्दपूर्ण संबंध) का उदाहरण बताया।
लेकिन कांग्रेस ने इस पर तंज कसा। कांग्रेस प्रवक्ता विनोद शर्मा ने कहा –
कांग्रेस प्रवक्ता विनोद शर्मा,
रीवा पुलिस की नीति बन गई है कि पहले किसानों पर लाठी चलाओ और फिर बच्चों की तरह उन्हें टॉफी पकड़ा दो। क्या जिले के किसान टॉफी खाने के लिए लाइन में लगते हैं? आज के बच्चे भी खुद टॉफी खरीद लेते हैं, किसानों को खाद दो।
किसानों का दर्द,
किसानों की फोटो,
किसानों ने प्रशासन पर धांधली और कुप्रबंधन का आरोप लगाया। एक किसान ने कहा – अगर खाद नहीं देना था तो पहले ही बता देते। हम घर लौट जाते। अब सरकार ही किसानों को दोषी ठहरा रही है। क्या पूरे जिले के सभी किसान असामाजिक तत्व हैं?
किसान संगठनों ने भी पुलिस कार्रवाई की निंदा की और कहा कि यह किसानों के साथ अन्याय है।
प्रभारी कलेक्टर का बयान
प्रभारी कलेक्टर डॉ. सौरभ सोनवड़े;-
रीवा के प्रभारी कलेक्टर डॉ. सौरभ सोनवड़े ने कहा कि किसानों के लिए लगातार व्यवस्थाएं बेहतर की जा रही हैं। जिले के डबल लॉक और सिंगल लॉक केंद्रों पर नियमित निगरानी रखी जा रही है।
उन्होंने किसानों से अपील की कि वे जरूरत के अनुसार ही खाद लें, ताकि सभी जरूरतमंद किसानों तक आपूर्ति हो सके।
मुख्यमंत्री की कड़ी नाराजगी,
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव;-
घटना पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने नाराजगी जताई। उन्होंने बुधवार को अधिकारियों की बैठक लेकर कहा –
अगर खाद वितरण सही नहीं हुआ तो इसका मतलब है कि कलेक्टर जिला नहीं चला पा रहे। ऐसे कलेक्टरों को हटाना होगा।
सीएम ने निर्देश दिया कि खाद वितरण व्यवस्था में किसान संगठनों के प्रतिनिधियों को भी शामिल किया जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि किसी भी जिले में अव्यवस्था हुई तो कलेक्टर सीधे जिम्मेदार होंगे।
कब मिलेगा खाद?
खाद आपूर्ति को लेकर किसानों को फिलहाल इंतजार करना होगा। जिला विपणन संघ प्रबंधक श्रीमती शिखा वर्मा ने बताया –
दो रैक यूरिया 4 सितंबर की देर रात तक रीवा पहुंचेंगी। इनमें 1800 टन और 2700 टन यूरिया खाद शामिल होगी। हालांकि 5, 6 और 7 सितंबर को अवकाश है। ऐसे में वितरण 8 सितंबर सोमवार से शुरू किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि प्रशासन ने वितरण केंद्रों पर अधिकारियों की ड्यूटी लगाई है, ताकि किसी भी प्रकार की अव्यवस्था न हो।
खाद संकट की जड़ें,
रीवा समेत पूरे विंध्य क्षेत्र में लगातार खाद का संकट बना हुआ है। किसान आधी रात से लाइन में लगते हैं और सुबह तक सड़क पर ही सोते हैं। कई बार घंटों लाइन में खड़े रहने के बाद भी उन्हें टोकन तक नहीं मिलता।
मंगलवार को भी यही हाल हुआ। किसानों ने दिनभर इंतजार किया, लेकिन खाद नहीं मिली। शाम होते-होते जब केंद्र बंद कर दिया गया, तो गुस्सा भड़क उठा और पुलिस से भिड़ंत हो गई।
किसानों की पीड़ा बनाम प्रशासन की सफाई,
एक ओर किसान हताश होकर कहते हैं कि हम खाद लेने आए थे, अपराधी नहीं, वहीं प्रशासन बार-बार यह समझा रहा है कि आपूर्ति जल्द सुधर जाएगी। लेकिन यह टकराव और लाठीचार्ज यह साबित कर देता है कि किसानों के धैर्य की परीक्षा अब बहुत कठिन हो चुकी है।
